Menu
blogid : 8557 postid : 62

डरता है ये खत मेरा …..

हमारा नजरिया
हमारा नजरिया
  • 18 Posts
  • 141 Comments

डरता है ये खत मेरा …..

की कही तू मुझसे दूर न हो जाये …….

कही !!…..

इस इकरार के आगाज़ का अंजाम …..

.तेरा इंकार न हो जाये !

कही !!……

मेरे शब्दों की इन गुस्ताखियों से …

तेरी आँखे नम न हो जाये …

या ……

तेरे चेहरे पे खिली ये मुस्कुराहट

इस खत के पन्नो में न बंद हो जाये ….

डरता है ये खत मेरा ….

.की कही तू मुझसे दूर न हो जाये ….

कही !!……..

तू इसे पढ़ के ख़ुशी से पागल हो जाये तो ….

तो ..?? मै क्या करुगा ?……

या फिर ……

तेरे आंसुओ से मेरे खत की स्याही ही धुल जाये तो …

तो ..? ये खत दुबारा मै कैसे लिखूंगा ….

नए बंधन को बाँधने में

कही पुराना रिश्ता न टूट जाये …..

इसीलिए तो डरता है खत मेरा…….

.की कही तू मुझसे दूर न हो जाये …….

(–स्वयं से –)

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply